काकोलूकीयम् (कावळे आणि घुबड यांची युद्धकथा)
काकोलूकीयम् (पंचतंत्रातील तिसरे तंत्र) कावळे आणि घुबड यांची युद्धकथा |
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काकोलूक वैरकथा ( कावळा आणि घुबड ह्यांच्या हाडवैराचे
कारण- आख्यायिका ) |
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शशकगजयूथप कथा ( ससे आाणि हत्तींच्या कळपाची गोष्ट) |
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शशक-पिञ्जलकथा (ससा आणि चिमण्याची गोष्ट) |
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धूर्तब्राह्मणछागकथा (ठग, ब्राह्मण आणि बकरा यांची गोष्ट) |
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पिपीलिका – भुजञ्गमकथा (मुंग्या आणि सापाची गोष्ट) |
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ब्राह्मण – सर्प कथा (ब्राह्मण आणि सापाची गोष्ट) |
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हैमहंस – कथा ( सुवर्ण हंसाची कथा) |
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कपोत – लुब्धक – कथा (कबुतर आणि फासेपारध्याची कथा) |
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चौर- वृद्धवणिक्-कथा ( चोर आणि म्हातारा वाणी यांची कथा |
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ब्राह्मण - चौर- पिशाच- कथा (ब्राह्मण, चोर आणि पिशाच्च कथा) |
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11 |
वल्मीकोदरस्थ - सर्प- कथा (वारुळात राहणार्या सापाची कथा) |
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रथकारवधू – कथा (गाडी बनविणार्या ) |
13 |
मूषिका विवाह कथा ( एका उंदरीणीच्या लग्नाची गोष्ट) |
स्वर्णपूरिषपक्षिकथा (सोन्याची विष्ठा टाकणार्या पक्षाची गोष्ट) |
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सिंह-जम्बूकगुहा कथा ( सिंह आणि कोल्ह्याची कथा) |
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मण्डूक—मन्दविषसर्प कथा (बेडूक आाणि मंदविष नावाच्या सापाची गोष्ट) |
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घृतान्ध ब्राह्मण कथा (तुपाने अंध होणार्या ब्राह्मणाची गोष्ट) |
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स्थिरजीवीचा राजा मेघवर्णला उपदेश |
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